भारत के 76वें गणतंत्र दिवस पर 139 पद्म पुरस्कारों की घोषणा
भारत के 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के नागरिकों के अद्वितीय योगदान को मान्यता देने के लिए 139 पद्म पुरस्कारों की घोषणा की। इसमें 7 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण, और 113 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं। ये पुरस्कार कला, विज्ञान, चिकित्सा, समाज सेवा, खेल, और सार्वजनिक जीवन के अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए प्रदान किए जाते हैं।
इस ब्लॉग में, हम 2025 में दिए गए पद्म पुरस्कारों के विजेताओं और उनके योगदान पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
पद्म पुरस्कारों का महत्व और श्रेणियां
पद्म पुरस्कार भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक हैं, जिन्हें तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
- पद्म विभूषण: असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए।
- पद्म भूषण: उच्च स्तर की विशिष्ट सेवा के लिए।
- पद्म श्री: किसी भी क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए।
पद्म पुरस्कारों की स्थापना 1954 में की गई थी और ये हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर घोषित किए जाते हैं।
पद्म विभूषण विजेता (7 व्यक्ति)
पद्म विभूषण भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जिसे असाधारण योगदान के लिए दिया जाता है। इस वर्ष के विजेता निम्नलिखित हैं:
ओसामु सुजुकी (जापान, मरणोपरांत): सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के पूर्व प्रमुख, जिन्होंने भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
शारदा सिन्हा (बिहार, मरणोपरांत): प्रसिद्ध लोक गायिका, जिन्होंने भोजपुरी, मैथिली, और मगही संगीत को लोकप्रिय बनाया।
एम.टी. वासुदेवन नायर (केरल, मरणोपरांत): मलयालम साहित्य के प्रख्यात लेखक और पटकथा लेखक।
पद्म भूषण विजेता (19 व्यक्ति)
पद्म भूषण तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। इसे उच्च स्तर की सेवाओं और विशिष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।
इस वर्ष के प्रमुख विजेता:
सुशील मोदी (बिहार, मरणोपरांत): बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री, जिन्होंने राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
बिबेक देबरॉय (दिल्ली, मरणोपरांत): अर्थशास्त्री, जिन्होंने नीति निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष।
पंकज उधास (महाराष्ट्र, मरणोपरांत): प्रसिद्ध ग़ज़ल गायक, जिन्होंने संगीत के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया।
पद्म श्री विजेता (113 व्यक्ति)
पद्म श्री उन व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने किसी भी क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया हो।
प्रमुख विजेता:
भेरू सिंह चौहान (मध्य प्रदेश): भक्ति संगीत के क्षेत्र में योगदान के लिए।
जगदीश जोशीला (मध्य प्रदेश): उपन्यासकार, जिन्होंने हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
सैली होलकर (मध्य प्रदेश): सामाजिक उद्यमिता के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के लिए।
पद्म पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया
पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन प्रक्रिया अब पूरी तरह से ऑनलाइन है। कोई भी व्यक्ति स्वयं या किसी अन्य व्यक्ति को नामांकित कर सकता है। इसके बाद एक स्वतंत्र समिति द्वारा नामांकन की समीक्षा की जाती है, और अंतिम निर्णय राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद घोषित किया जाता है।
पद्म पुरस्कारों का महत्व और प्रेरणा
इन पुरस्कारों की घोषणा के माध्यम से भारत सरकार न केवल विशिष्ट व्यक्तियों का सम्मान करती है, बल्कि समाज को यह प्रेरणा देती है कि हर क्षेत्र में मेहनत, लगन और सेवा से उच्चतम शिखर हासिल किया जा सकता है। ये पुरस्कार देश की विविधता और संस्कृति का उत्सव मनाने का प्रतीक भी हैं।
आप पूरी लिस्ट यहां क्लिक करके देख सकते हैं.
निष्कर्ष
भारत के 76वें गणतंत्र दिवस पर घोषित पद्म पुरस्कार उन व्यक्तियों का सम्मान करते हैं जिन्होंने समाज और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ये पुरस्कार हमें प्रेरणा देते हैं कि कठिन परिश्रम, समर्पण और समाज सेवा से न केवल अपनी पहचान बनाई जा सकती है, बल्कि देश को भी गौरवान्वित किया जा सकता है।
इन पुरस्कार विजेताओं को हार्दिक बधाई और उनके प्रयासों को सलाम।
जय हिंद!
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Last Updated
January 25th, 2025 11:42 PM
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Daily Current Affairs
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